संयुक्त राष्ट्र ने ‘सहस्राब्दि विकास लक्ष्य रिपोर्ट-2015’ जारी की

संयुक्त राष्ट्र ने 6 जुलाई 2015 को ‘सहस्राब्दि विकास लक्ष्य रिपोर्ट 2015’ (Millennium Development Goals Report 2015) जारी किया. संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी यह रिपोर्ट आर्थिक और सामाजिक मामलों के संयुक्त राष्ट्र विभाग (DESA) द्वारा तैयार सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों की दिशा में वैश्विक और क्षेत्रीय प्रगति की वार्षिक आकलन है.
संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दि विकास लक्ष्य रिपोर्ट-2015 से संबंधित मुख्य तथ्य:
•    1990 के बाद से अब तक एक अरब से अधिक लोगों को अत्यधिक गरीबी की स्थिति से बाहर निकाला गया और इस मामले में चीन और भारत की मुख्य भूमिका रही है.
•    संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दि विकास लक्ष्य (एमडीजी) ने विश्व को अब तक के इतिहास का सबसे सफल गरीबी उन्मूलन अभियान दिया है, जिससे एक अरब से अधिक लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकालने, भूख की समस्या कम करने में सहायता मिली और अधिक लड़कियों को स्कूल भेजना संभव हुआ.
•    एमडीजी की अंतिम रिपोर्ट में कहा गया है कि उल्लेखनीय लाभ हासिल होने के बावजूद अभी यह सुनिश्चित करने में और वक्त लगेगा कि सबसे गरीब और सबसे कमजोर लोग पीछे न छूट जाएं जिसमें गरीबी की दर आधी करने से लेकर एचआईवी-एड्स का प्रसार रोकना तथा व्यापक प्राथमिक शिक्षा मुहैया कराना शामिल है. यह काम इसके लिए तय समय सीमा 2015 तक होना चाहिए.
•    एमडीजी के तहत अत्यधिक गरीबी में रहने वालों का अनुपात आधा करने का लक्ष्य 2015 की समयसीमा से पांच साल पहले प्राप्त कर लिया गया था.
•    वैश्विक स्तर पर रोजाना 1.25 डॅालर से कम पर जीवन-निर्वाह करने वालों का अनुपात 2011 में घटकर 15 प्रतिशत रह गया जो 1990 में 36 प्रतिशत था.
•    वैश्विक परियोजनाओं से संकेत मिलता है कि वैश्विक स्तर पर अत्यंत गरीबी की दर घटकर 2015 में 12 प्रतिशत रह गई है. विकासशील क्षेत्रों में गरीबी की दर घटकर 2015 में 14 प्रतिशत रह गई है जो 1990 में 47 प्रतिशत थी. इसमें कुल दो तिहाई से अधिक की गिरावट हुई है.

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