ध्रुपद उस्ताद हुसैन सईदुद्दीन डागर का 31 जुलाई 2017 को लंबी बीमारी के बाद पुणे में निधन हो गया, वे 78 वर्ष के थे। उन्हें ध्रुपद परंपरा के सर्वश्रेष्ठ गायकों में से एक माना जाता है। वे प्रसिद्ध संगीतकार डागर परिवार से संबंधित थे। यह माना जाता है कि भारत में केवल यही एक परिवार है जो भारत के शास्त्रीय
संगीत की कला ध्रुपद की कला जानते हैं। संगीत की इस कला को जानने वाले वे इस परिवार की 19वीं पीढ़ी थे। ध्रुपद संस्कृत के ध्रुव (अचल) और पद (बोल) से मिलकर बना है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विख्यात हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायक उस्ताद सईदुद्दीन डागर के निधन पर शोक जताया है। अपने सन्देश में प्रधानमंत्री ने कहा – “उस्ताद हुसैन सईदुद्दीन डागर के निधन से दु:ख पंहुचा है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में उनका योगदान पीढ़ी-दर-पीढ़ी याद किया जाएगा।
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