भारतीय नौसेना में शामिल हुआ DSRV

भारतीय नौसेना ने हासिल की नई ताकत, दुर्घटनाग्रस्त पनडुबियों को बचाने वाला पोत डीएसआरवी (DSRV) बेड़े में शामिल हुआ, अब तक सिर्फ अमेरिका, रुस, और चीन जैसे देशों के पास ही थी यह क्षमता थी।  नौसेना ने गहरे समुद्र में पनडुब्बी के दुर्घटनाग्रस्त होने की हालत में बचाव और राहत कार्य में मदद देने वाले पहले पोत को सेवा में लिया है। पोत डीप सबर्मजेंस रेस्क्यू वेसेल (DSRV) की तैनाती के साथ भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिसके पास संकट में फंसी पनडुब्बी का पता लगाने और बचाव करने की क्षमता है।
वर्तमान में अमेरिका, चीन, रूस और कुछ अन्य देशों के पास डीएसआरवी को तैनात करने की क्षमता है। 'डीएसआरवी का इस्तेमाल दुर्घटना की शिकार पनडुब्बी के कर्मियों को बचाने में किया जाता है। इसके साथ ही समुद्र के भीतर तार बिछाने सहित विभिन्न अभियानों के लिए भी इन्हें तैनात किया जाता है। कुछ डीएसआरवी पोत को बड़े मालवाहक जहाजों के जरिए दूसरी जगह भी ले जाया जाता है।

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